ओलंपियाड R -10-11- कुछ नें पदक जीते तो बाकी ने दिल !!
14/09/2016 -अपने देश का प्रतिनिधित्व करना ,कोई लक्ष्य बनाना और उसके लिए जी जान से जुट जाना , प्रतिभाशाली साथियों का साथ होना ,एक अनुभवी और योग्य प्रशिक्षक का होना , समय आने पर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करना ,दबाव के लम्हो में भी खुद पर भरोसा रखना ,खेल की हर चाल का आनंद उठाना ,हार जीत की भावना से परे अपने प्रतिद्वंदी का भी सम्मान करना और अपना सर्वश्रेस्ठ देने की कोशिश करना । अगर परिणाम को एक तरफ रखकर हम सोचे तो इस पैमाने पर 176 देशो से आए वह सभी 2245 खिलाड़ी ही बाकू के विजेता है ,पदक तो सिर्फ यह बताने के लिए है की किसने सबसे ज्यादा मेहनत की पर इससे जो नहीं जीते उनका महत्व कम नहीं हो जाता ,उन सभी खिलाड़ियों के एक साथ एक जगह होने से जो विश्व भर की विभिन्न संस्कृतियों का आपस में मेलजोल हुआ ,जिस प्रेम और मुस्कान का आदान प्रदान हुआ वह अमूल्य है और दरअसल सही मायनों मैं बाकू नें इन सभी पैमानो पर अपना नाम सर्वश्रेस्ठ ओलंपिक के तौर पर सभी के दिलो में अंकित कर लिया , अंतिम दो चक्रो में भारतीय टीम नें दो ड्रॉ खेले और हम पुरुष वर्ग में चौंथे और पांचवे स्थान पर रहे । ये भी क्या कम है !!भविष्य हमारा है !!